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भारत देश में एक तिहाई से भी ज्यादा आबादी युवा वर्ग की है और देश को इसपर नाज़ भी है, आज का युवा कल के भविष्य का जिम्मेदार है, गंगा जमुना संस्कृति पर आधारित इस देश का युवा कहीं भटक तो नहीं रहा? देश में पाश्चात्य संस्कृति के विस्तार से कहीं इस देश की रीड की हड्डी में जकड़न तो नहीं आ रही? बिना तर्क के इन् सब बातों का कोई औचित्य नहीं है |
मैं बात कर रहा हुँ उस युवा वर्ग की जो जवानी के जोश में आ कर सिर्फ मदिरा और तम्बाकू से खुद का शरीर एवं देश की सम्पदा का नाश कर रहें हैं बल्कि उनकी भी जिनका देश के प्रति कोई दृष्टिकोण ही नहीं है| कुछ युवा जिनको घुमंतू कैमरे के सामने ला कर खड़ा कर दिया जाये तो वो देश को बदलने की बड़ी बड़ी बातें करते हैं वही कैमरे के बंद होते ही अपने असली स्वरुप की नुमाईश करने लगते हैं | बात केवल छेड़छाड़ तक ही नहीं सीमीत है बल्कि इसके कई और पहलू हैं | किसी सार्वजनिक स्थल पर आप इस युवा वर्ग की गुंडागर्दी आम रूप से देख सकते हैं | परिवहन में तो इनका कोई सानी नहीं है, बड़े बुजुर्गों की इज़्ज़त तो दूर की बात है महिलाओं से भी बदसलूकी तो आम बात हो रही है | मेट्रो शहरों में जोड़ों का प्रचलन काफी बढ़ गया है, प्यार के इज़हार का तरीका तो कोई इस वर्ग से पूछ कर शर्मिंदा हो जाये, सार्वजनिक स्थलों पर अश्लीलता भरी हरकतों में शर्म के लिए कोई जगह ही नहीं छोड़ी है | लोक लिहाज तो दूर बड़े बुजुर्गों को भी ये शर्मसार कर दे अपनी हरकतों से पर बात ज़रूर करेंगे देश को बदलने की | देश के प्रधानमंत्री के बारे में भी जानकारी न होते हुए भी देश को चलने का होसला रखने वाले आज के कुछ चुनिंदा युवाओं को मेरा कोटि कोटि शर्मसार प्रणाम | जिस युवा शक्ति को ले कर भारत देश विश्वशक्ति बनने के सपने संजो रहा है उस शक्ति में भरे हुए खोखले जोश की भी हमें पहचान करनी होगी |
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